रविवार, 27 दिसंबर 2009

नया सवेरा


नव वर्ष का नया सवेरा आया
संग अपने नयी खुशियाँ लाया

सूरज की किरने पड़ीं हर कोने
दिशाओं ने रुपहले चूनर ओढ़े

धरती ने ली गहरी अंगड़ाई
हवाओं ने मस्त ख़ुशबू बिखराई

नव कोपलों से बलखाती शाखों के तन
गुंजित हो उठे पंछियों के कलरव से वन

चहक रहा मन महक रहा मन
नए विहान का जब हुआ आगमन

आओ ऐसा प्रण एक करें अब हम
सदा दूसरों के दूर करें सब ग़म

अपने सब लक्ष्य पूर्ण करेंगे
नफरत, बैर भाव को दूर करेंगे

आओ जोड़ें अमन-चैन-प्रेम के बंधन
धरा को बनाएँ खुशहाली का आँगन

9 टिप्‍पणियां:

  1. अपने सब लक्ष्य पूर्ण करेंगे
    नफरत, बैर भाव को दूर करेंगे

    सच में मनुष्य अगर ऐसा करें तो कितना बढ़िया हो.....सुंदर भाव.....नये साल की हार्दिक बधाई!!

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  2. सुन्दर भाव!!


    वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाने का संकल्प लें और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।

    - यही हिंदी चिट्ठाजगत और हिन्दी की सच्ची सेवा है।-

    नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!

    समीर लाल
    उड़न तश्तरी

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  3. नव वर्ष की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ।

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  4. वाह .....अर्चना जी गज़ब का लिखतीं हैं आप .......!!

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  5. आओ जोड़ें अमन-चैन-प्रेम के बंधन
    धरा को बनाएँ खुशहाली का आँगन

    आशा और उमंग का पैगाम देती सुंदर रचना है .........
    आपको २०१० की बहुत बहुत शुभकामनाएँ .........

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  6. आओ जोड़ें अमन-चैन-प्रेम के बंधन
    धरा को बनाएँ खुशहाली का आँगन

    सार्थक प्रयास. आपको भी नव वर्ष २०१० मंगलमय हो.

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  7. नए वर्ष पर आपने जो भी अभिलाषाएं, कामनाएँ, इच्छाएँ इस रचना में चाही हैं, ईश्वर उन्हें उन्हें जल्दी से पूरा करे, यही मेरी भी प्रार्थना है. आपने बहुत अच्छा लिखा है, नए वर्ष पर लिखा है और मैं १५ दिन विलम्ब से आ रहा हूँ, क्षमा चाहता हूँ लेकिन आपको मकर संक्रांति, माघ अमावस्या और सूर्य ग्रहण पर शुभकामनाएँ पेश करता हूँ.
    मुझे आप से यह अपेक्षा रहती है कि ७-१० दिनों में कुछ नया नवेला पोस्ट करेंगी परन्तु आप सुस्ती में भी मुझे शिकस्त देना चाहती हैं.

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  8. aap bahut accha likhati hain....main bhi kuch kuch likh leta hun...aap jaise seniors ko margdarshak mankar main aur bhi accha likhna chahta hun....

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