बुधवार, 14 सितंबर 2011

हिंदी !


 हिंदी ! तेरी अजब कहानी

तू हिंद महासागर 
फिर भी 
हम भरते दूसरों का पानी 

गुलामी की भाषा बोले जो 
सिर को  ऊँचा  करके चलते 
हिंदी भाषा के ज्ञानी जन 
क्यों 
आँखें अपनी नीची रखते
 देख विडम्बना ऐसी 
आए नयनों में पानी 

 हिंदी ! तेरी अजब कहानी 
तू हिंद महासागर 
फिर भी 
हम भरते दूसरों का पानी 

विद्या के आँगन में 
करके  तेरा नित अपमान 
और
पराई भाषा का 
करते सब गुणगान 
बीते साल आज़ादी के 
फिर भी 
तू बन ना सकी देश की रानी 

 हिंदी ! तेरी अजब कहानी 
तू हिंद महासागर 
फिर भी 
हम भरते दूसरों का पानी