पावन पीपल वृक्ष है ,हरियाली सी छाँव
स्वयं खड़ा हो धूप में, सबको देता ठाँव
पात पात में डोलती , चंचलता भर पूर
पवन करे अठखेलियाँ, करे उदासी दूर
स्वयं खड़ा हो धूप में, सबको देता ठाँव
पात पात में डोलती , चंचलता भर पूर
पवन करे अठखेलियाँ, करे उदासी दूर
योग साधना के लिए,यह उपयोगी स्थान
पाया गौतम बुद्ध ने, इसके नीचे ज्ञान
रोग व्याधियों में करो, इसका नित्य प्रयोग
स्वच्छ करे मस्तिष्क मन, काया बने निरोग
जो पूजन इसका करे,हर ले उसके क्लेश
बसते इसमें देवता ,ब्रम्हा ,विष्णु ,महेश
जो पूजन इसका करे,हर ले उसके क्लेश
बसते इसमें देवता ,ब्रम्हा ,विष्णु ,महेश
संस्कृत में अश्वत्थ है, इसका दूजा नाम
इसका रोपण कीजिये, इसमें चारों धाम
आओ हम मिल कर करें, इसका रोपण आज
निर्मल हो वातावरण, खुशहाली का राज