देखो कैसे झूम के, आई है बरसात
बूंदों के नूपुर बजें, हर्षित हों दिन रात
मेघों की गर्जन सुनें, नर्तन करें मयूर
बूंदों के नूपुर बजें, हर्षित हों दिन रात
मन को पुलकित कर रही, हरियाली भरपूर
नक्कारों से गूंजते , ये बादल घनघोर
चपला चमके बावरी, होकर भाव विभोर
ताल-तलैये भर गए, बहे नीर की धार
चंपा के वन खिल गए, फूले हरसिंगार
सावन में झूले पड़े , रिमझिम पड़े फुहार
अधरों पर कजली सजे , गाओ मेघ-मल्हार
दादुर टेरे धुन मधुर , झींगुर छेड़े तान
बरखा की लय में सभी, गाते सुमधुर गान
आसमान में भर गए, इन्द्रधनुष के रंग
ऐसे उड़ते मेघ दल, मानों उड़े पतंग
मंदिर मंदिर से उठी, शिव की जय जयकार
नर-नारी अर्पित करें, बेल, भंग, मंदार
नक्कारों से गूंजते , ये बादल घनघोर
चपला चमके बावरी, होकर भाव विभोर
ताल-तलैये भर गए, बहे नीर की धार
चंपा के वन खिल गए, फूले हरसिंगार
सावन में झूले पड़े , रिमझिम पड़े फुहार
अधरों पर कजली सजे , गाओ मेघ-मल्हार
दादुर टेरे धुन मधुर , झींगुर छेड़े तान
बरखा की लय में सभी, गाते सुमधुर गान
आसमान में भर गए, इन्द्रधनुष के रंग
ऐसे उड़ते मेघ दल, मानों उड़े पतंग
मंदिर मंदिर से उठी, शिव की जय जयकार
नर-नारी अर्पित करें, बेल, भंग, मंदार
ताल-तलैये भर गए, बहे नीर की धार
जवाब देंहटाएंचंपा के वन खिल गए, फूले हरसिंगार ...
सावन के मनभावन दोहे ... बहुत ही मस्त फुहार लिए ... लाजवाब दोहे हैं सभी ...
ताल-तलैये भर गए, बहे नीर की धार
जवाब देंहटाएंचंपा के वन खिल गए, फूले हरसिंगार ...
सावन के मनभावन दोहे ... बहुत ही मस्त फुहार लिए ... लाजवाब दोहे हैं सभी ...
आसमान में भर गए, इन्द्रधनुष के रंग
जवाब देंहटाएंऐसे उड़ते मेघ दल, मानों उड़े पतंग
बहुत सुन्दर दोहे .... बधाई
सभी दोहे बहुत सुन्दर हैं।
जवाब देंहटाएंचपला चमके व्योम में, बादल करते शोर।
रिमझिम पानी बरसता, मन में उठे हिलोर।।
सावन मन भावन हुआ ,मन में उठे विचार
जवाब देंहटाएंमयूरा मन क्यों नाच रहा ,दोहे ले आकार
वाह आपने तो सब कुछ ही समेट लिया इस मधुर गीत में :)आभार
जवाब देंहटाएंवाह आपने तो सब कुछ ही समेट लिया इस मधुर गीत में :)आभार
जवाब देंहटाएंसभी दोहे बहुत सुंदर ...
जवाब देंहटाएंवाह अर्चना जी...
जवाब देंहटाएंआसमान में भर गए, इन्द्रधनुष के रंग
ऐसे उड़ते मेघ दल, मानों उड़े पतंग
बहुत सुन्दर दोहे....
अनु
वाह अर्चना जी मजा आ गया क्या सुन्दर अभिव्यक्ति है आसमान में भर गये ,इन्द्रधनुष के रंग
जवाब देंहटाएंऐसे उड़ते मेघ दल,मानो उड़े पतंग