तू अजब वसुंधरा है
नई नवेली तू अजब वसुंधरा है
तेरे रूप में सौंदर्य बिखरा पड़ा है
माथे पे सूरज की बिंदिया सजाली
गालों पर उषा की लाली लगाली
नीला आसमानी आँचल उड़ा है
तेरे रूप में सौंदर्य बिखरा पड़ा है
पंछियों के कलरव सी पायल है बोली
चली कहाँ तू ओ सुन्दर सलोनी
घाघरे में धानी रत्नाकर उमड़ा पड़ा है
तेरे रूप में सौंदर्य बिखरा पड़ा है
काले घुंघराले केशों सी फैली है रजनी
नाजुक कमर पे नदियों की है करधनी
कंगन में चाँद तारों का नगीना जड़ा है
तेरे रूप में सौंदर्य बिखरा पड़ा है
(
चित्र गूगल सर्च से साभार )
बहुत सुन्दर रचना है।बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया. स्वतंत्रता दिवस पर धरा का मनभावन गुणगान. बधाई.
जवाब देंहटाएंनई नवेली यह रचना बिलकुल नवेली है.
जवाब देंहटाएंक्या सौन्दर्य बोध कराया है नई नवेली का.
बहुत खूबसूरत
अति सुन्दर रचना,
जवाब देंहटाएंआभार
हे प्रभू यह तेरापन्थ
मुम्बई टाईगर
सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचाना है ..........बसून्धरा ऐसी ही होती है ............बहुत ही भावपुर्ण .....बधाई
जवाब देंहटाएंलाजवाब रचना और उतना ही सुन्दर चित्र...सोने पर सुहागा...वाह.
जवाब देंहटाएंनीरज
वाह....
जवाब देंहटाएंजितनी सुन्दर कविता,
उतना ही सुन्दर चित्र।
बधाई।
shrangaar से bhari रचना .......... सच में ऐसी ही vasundhara होती होगी ......... gazab की kalpana shakti ..... क्या बात है ......... क्या खूब लिखा है ......
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है आपकी..
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत लिखा है आपने..
बहुत बहुत बधाई ..
भारत भूमि को हर पाठक के मन् में आपने अपनी कल्पना की शक्ति से मूर्त-रूप दे दिया है..
वसुंधरा के सौंदर्य का सुन्दर चित्रण ...
मज़ा आ गया ..
जय हिंद..
बहुत सुंदर....इस कृति को सबके साथ बाटने का बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंgood poem
जवाब देंहटाएंaap sundar likhati hain..
जवाब देंहटाएंकाले घुंघराले केशों सी फैली है रजनी
जवाब देंहटाएंनाजुक कमर पे नदियों की है करधनी
कंगन में चाँद तारों का नगीना जड़ा है
तेरे रूप में सौंदर्य बिखरा पड़ा है
अति सुन्दर चित्रण बसुधा का
काले घुंघराले केशों सी फैली है रजनी
जवाब देंहटाएंनाजुक कमर पे नदियों की है करधनी
कंगन में चाँद तारों का नगीना जड़ा है
तेरे रूप में सौंदर्य बिखरा पड़ा है
bahut sunder/pyari rachna. badhai.
mere blog par aagman ke liye dhanyawaad.
खूबसूरत तरीके से आपने इस रचना को पेश किया.. हैपी ब्लॉगिंग
जवाब देंहटाएंwah, vasundhara ke saundarya ka adbhut varnan. badhai.
जवाब देंहटाएंBahut khoobsoorat bhaav.
जवाब देंहटाएं( Treasurer-S. T. )
tere roop me saundrya bikhra pada......
जवाब देंहटाएंbadee hee sundar rachna..man prassan ho gaya...nishya hee hindi sahitya aapse samridhh hogi
बधाई, रचना सुन्दर बन पड़ी है
जवाब देंहटाएंbahut sunder dhara ko naweli bana kar sunder rang bikhere hain.
जवाब देंहटाएंSundar geet.
जवाब देंहटाएंThink Scientific Act Scientific
aapki kavita mein saundarya bikhra pada hai!
जवाब देंहटाएंतेरे रूप में सौंदर्य बिखरा पड़ा है...
जवाब देंहटाएंचित्र से भी सुंदर वर्णन है।
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