
आया महीना माघ और पूस
आग भी तापे हरदम फूस
कोहरा ओढ़े सूरज निकले
उसको भी अब लगती सर्दी
पंद्रह दिन कि छुट्टी कर दी
सर्द हवाओं ने ली सब ऊर्जा चूस
आया महीना माघ और पूस
जब तापमान का पारा गिरता
ब्लोवर हीटर सब लग जाता
नहाने में मन करे आना-कानी
नल का देख के ठंडा पानी
लगे जवानी अब गई रूस
आया महीना माघ और पूस
निकली सलाई और ऊन के गोले
माँ स्वेटर बुनती हौले-हौले
पहने स्वेटर ओढ़े कम्बल रजाई
दांत कटकटाए फिर भी भाई
भरी चाय की प्याली को चूस
आया महीना माघ और पूस
(चित्र गूगल सर्च से साभार )