हिंदी ! तेरी यह कैसी कहानी ?
तू हिंद महासागर फिर भी
हम भरते, गैरों का पानी
परदेसी भाषा जो बोलें
सिर को ऊँचा करके चलते
हिंदी भाषा के ज्ञानी जन
आँखें अपनी क्यों नीची रखते ?
देख विडम्बना ऐसी मेरे
भर आए नयनों में पानी
हिंदी ! तेरी यह कैसी कहानी ?
तू हिंद महासागर फिर भी
हम भरते, गैरों का पानी
विद्या के आँगन में करके
तेरा नित अपमान सभी
परदेसी भाषा का करते
मुक्त गले गुणगान सभी
ऐसे इतराते है जैसे कि
उन सा नहीं कोई ज्ञानी
सालों बीते आज़ादी के फिर भी
तू बन न सकी हिन्द की रानी
हिंदी ! तेरी यह कैसी कहानी ?
तू हिंद महासागर फिर भी
हम भरते, गैरों का पानी ?
क्या उन्नति अवरुद्ध हुई ?
है इनका क्या कोई सानी ?
निज भाषा की पूजा करते
रूसी, चीनी और जापानी
हिंदी ! तेरी यह कैसी कहानी ?
तू हिंद महासागर फिर भी
हम भरते गैरों का पानी
हिंदी ! तेरी यह कैसी कहानी ?
जवाब देंहटाएंसटीक रचना !!
इसी प्रवाह को खत्म करना होगा ... हिंदी को अपनाना होगा ... हिंदी वाले सतत बोलें हिंदी में तभी संभव है ये ...भावपूर्ण रचना ...
जवाब देंहटाएंबेह्तरीन अभिव्यक्ति बहुत खूब , शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
http://madan-saxena.blogspot.in/
http://mmsaxena.blogspot.in/
http://madanmohansaxena.blogspot.in/
http://mmsaxena69.blogspot.in/