गुरुवार, 23 अप्रैल 2009
छाँव
विशाल पीपल की छाँव
देती है सबको ठाँव
खड़ा रहता है धूप में
सदा अटल रूप में
सदा रहती है जीवन की लहर
कोमल पत्तियों में ठहर
रहती है शाखों पे उमंग
हवाओं से पाकर तरंग
देती है जीवन की आशा
दूर करके सबकी निराशा
पाते हैं नीचे इसके
ज्ञान ध्यान अंतर्मन
रविवार, 19 अप्रैल 2009
अकेलापन....
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