अकेलापन....
आकाश ने कहा एक दिन
धरती पे उगे नन्हे पौधे से
गर होता मैं भी धरती पे
तो होता करीब अपनों के
यहाँ रहता हूँ अकेले
तुम खुश किस्मत हो
पौधे ने कहा आकाश से
ग़म न करो अपने अकेलेपन पे
जो होतें हैं दूर अपनों से
देते हैं छाया सबको
वो नहीं अकेले इस जहाँ में
होता है सारा जहाँ उनका अपना
namaskar sir
जवाब देंहटाएंaapki saari rachnaayen padhi .. aap bahut sundar likhte hai .. bhavo ki abhivyakti bahut hi shreshth dhang se hui hai
is kavita me aapne bahut accha shabdchitr prastut kiya hai ..
aapko badhai ..
dhanywad
vijay
pls read my new poem :
http://poemsofvijay.blogspot.com/2009/05/blog-post_18.html