आसानी से भोजन उपलब्ध होने से गरीब लोग हो जाएंगे आलसी
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फेडरेशन ऑफ कर्नाटक चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रेसीडेंट पी शिवकुमार ने यह बात कही है।
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शिवकुमार ने कहा कि खाद्य सुरक्षा योजना से सरकारी खर्च में भारी बढ़ोतरी होगी। इस रकम की जरूरत करदाताओं से ही पूरी की जाएगी। बेहतर रोजगार की कमी और मुफ्त राशन वितरण जैसी योजनाओं के कारण गरीबी रेखा के नीचे वाले लोग बेहद कम आय में गुजारा करने के आदी हो जाते हैं। मुफ्त राशन जैसी योजनाओं के कारण लोगों के आलसी होने से यह स्थिति पैदा होती है। भारत जैसे विकासशील देश में कौशल निर्माण करना बेहद जरूरी है।बेहतर रोजगार की कमी और मुफ्त राशन वितरण जैसी योजनाओं के कारण गरीबी रेखा के नीचे वाले लोग बेहद कम आय में गुजारा करने के आदी हो जाते हैं।
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ग़रीबों की इतनी चिन्ता अब तो शर्तियाँ देश में ग़रीबी और ग़रीब दोनों अंतर्धान हो जायेंगे।
एक तरफ सरकार यह तय ही नहीं कर पाई कि देश में ग़रीब कौन है ? उसने जो ग़रीबी का आधार तय किया उससे तो भारत में कोई गरीब है ही नहीं।
इन आधुनिक सुखसुविधाओं से युक्त, ऐशो आराम से भरपूर, एयर कंडीशंड घरों में रहने वाले लोगों से पूछा जाए कि आखिरी बार इन लोगों ने कब काम किया ? ग़रीब आलसी हो जाएगा इसकी बड़ी चिंता है। इस देश में ग़रीब बेचारा ऐसा जंतु है जिसकी आड़ में सब ग़रीब हो गए। सरकार जिसके लिए भरपूर योजनायें चला रही है। क्या कभी उसने ये सोचा कि इन योजनाओं के बारे में उन्हें पता भी है ? मैंने अपने यहाँ काम करने वाली से पूछा कि उसका राशन कार्ड बना है तो उसे राशन कार्ड के बारे में जानकारी तक नहीं थी। उसके जैसे ही कितने लोग यहाँ हैंजो जानते ही नहीं कि यह क्या है? और बनता कैसे है? राशन कार्ड बनवाने के लिए स्थाई पता चाहिए। कहाँ से ले आयें ये अपना स्थाई पता जिनको पता भी नहीं कि कल की रात किस भूमि पर बीतेगी। सरकार लोअर इनकम ग्रुप के लोगों के लिए मकान आवंटित कर रही है। लेकिन जिनकी कोई स्थाई इनकम ही नहीं उनका क्या? सैकड़ों लुभावनी योजनायें चलाई गईं और भविष्य में भी चलाने की योजनायें हैं। पर इसका संज्ञान उन्हें नहीं है जिनके लिए ये बनाई गईं हैं। इन योजनाओं का लाभ तो हमारे देश के उन बड़े-बड़े उच्च आय वर्ग के "गरीबों" की झोली में चला जाता है।
हमारे देश में सबसे अधिक ग़रीब बड़े-बड़े अधिकारी और मंत्री हैं, ये इतने ग़रीब हैं कि इन सारी योजनाओं का धन भी इनको कम पड़ जाता है।
sthitiyan badal rahi hain .gareeb varg me chetna aa rahi hai .
जवाब देंहटाएंअर्चना जी आपकी काम वाली ही इतनी अंजान होगी इन योजनाओं से आज की असलियत तो ये है कि हम भी नहीं जानते जिस सरकारी रहस्य को उसे ये ऐसे लोग भली भांति जानते हैं आभार क्या ये जनता भोली कही जाएगी ? #
जवाब देंहटाएंआप भी जानें संपत्ति का अधिकार -5.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN हर दौर पर उम्र में कैसर हैं मर्द सारे ,
सबसे ज़रूरी है कि इन लोगों को अपने अधिकारों के लिए जागरूक करना ... योजनाएँ बस कागज पर ही मिलती हैं ।
जवाब देंहटाएंअंधा बांटे रेवरी मुड मुड अपने दे ...
जवाब देंहटाएंये कहावत सच है नेताओं पर ...