अभी सावन आनें में चार दिन बाकी हैं, परन्तु जब वर्षा ऋतु आती है तो सावन के झूलों की याद बरबस हो आती है, सारा आलम मस्ती में गुनगुनानें लगता है.....................................
आया मस्त मतवाला सावन
फुहारों की रिमझिम
बूंदों की गुनगुन
बरखा के सुर सुनाता मनभावन
आया मस्त मतवाला सावन
झर-झर झरती बूंदों की लड़ियाँ
पुलकित होती फूलों की पंखुडियाँ
उमड़-घुमड़ मेघों की गर्जन
वन-वन गुंजित मयूरों का क्रंदन
भर गए ताल-तलैये उपवन
आया मस्त मतवाला सावन
पड़ती फुहार झूलों पर जब-जब
सजे मेघ-मल्हार होठों पर तब-तब
झूमें तरुओं की शाखें चंचल
छनके पत्तों की पायल छन-छन
करते ता-ता धिन-धिन तरु गन
आया मस्त मतवाला सावन
आसमान के इन्द्रधनुषी रंगों का चोला
धारा ने अपने हरियाले आँचल को खोला
बिखरी बेल-बूटों की मतवाली लताएँ
निखरी हर पत्तों की हरियाली आभाएँ
गदराए हर सिंगार चंपा के उपवन
आया मस्त मतवाला सावन
पड़ती जब वारि की धारें कोमल तन
कण-कण की पुलकावलि करे निर्मल मन
दादुर टर-टर झींगुर तुन- तुन
बरखा की लय में गाए सुमधुर धुन
आया मस्त मतवाला सावन
bahut sundar prastuti...
जवाब देंहटाएंसुन्दर सामयिक रचना
जवाब देंहटाएंsaawan k eaane par saawan ko baat .........bahut hi sundar............badhaaee.
जवाब देंहटाएंlog geet walai feel mili
जवाब देंहटाएंबस अब तो सावन आने को है ,बढ़िया लगी यह रचना ,बधाई .
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रचना खासकर सावन के मौके पर अच्छी लगी. आपकी रचना की चर्चा मेरे ब्लॉग समयचक्र में . धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सावनी गीत लिखा है आपने। अब अगर बरसात भी सावन वाली हो जाती, तो आपके गीत में रस बढ जाता।
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
sundar varnana sawan ka..
जवाब देंहटाएंachcha ahsaas..
badhayi ho!!!
saawan fir se aaya hai ab..
जवाब देंहटाएंisliye ye kavita aaj fir se prasangik ho gayi..
bahut bhavpurn prastutikaran.....dhanyavaad.......